शनिवार, 21 जुलाई 2012

for you

कोई वादा न वफ़ा है तुमसे,
जाने क्यों दिल ये लगा है तुमसे.
हमने देखा जो नहीं था अबतक,
ख्वाब आँखों में सजा है तुमसे.
कैसे इंकार मैं कर दूँ यारा,
दिल के धड़कन की सदा है तुमसे.
तुम नहीं थे तो मैं ढूँढ रहा था तुमको,
आज अपना भी पता है तुमसे.
एक मुद्दत से खिज़ा का था बसेरा हर सू,
फूल गुलशन में खिला है तुमसे.
लाख समझाया, न समझे अब तो ,
दिल ये दीवाना लगा है तुमसे.
तुम नहीं साथ, तसल्ली है मगर,
नाम मेरा तो जुड़ा है तुमसे.
तुम मिले तो कोई ख्वाहिश न रही,
कोई क्या जाने क्या मिला है तुमसे.

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