शनिवार, 19 सितंबर 2015

यह भीगा-भीगा मौसम

यह भीगा-भीगा मौसम,
यह भीगी-भीगी रात,
अक्सर तन्हाई में तुम,
आ जाते हो याद.

वो तेरी रेशमी जुल्फें,
वो चांदनी-चांदनी रातें,
हम दोनों मिलकर जब,
करते थे दिल की बातें,
हर बीता लम्हा दिल को,
तड़पा के गुज़र जाता है,
मैं कैसे भूलूं यारा ,
वो अपनी हसीं मुलाकातें,
यह भीगा-भीगा............
अक्सर.........................

वो तेरी हंसी का सरगम,
वो तेरी वफ़ा का जादू,
दिल  मेरा धड़क कर यारा,
हो जाता था बेकाबू.
हर एक अदा तेरी,
मेरे दिल में बसी है हमदम,
कायम है मेरे दिल पर,
ऐ यार तेरा जादू.
यह भीगा-भीगा............
अक्सर.........................
मैं नगमे-वफ़ा सारे,
तेरे नाम लिखा करता हूँ,
तुझे खोकर भी दिलबर,
तेरी बात किया करता हूँ.
मुझे अब भी यकीं है तुझ पर,
मुझे अब भी भरोसा है,
मैं आज भी अक्सर यारा,
तेरी राह तका करता हूँ.
यह भीगा-भीगा............
अक्सर.........................