तुम्हारा ग़म तो प्यारा है,
ये जीने का सहारा है ,
सिवा इसके ज़माने में ,
नहीं कुछ भी हमारा है.
मोहब्बत की कहानी ये ,
नहीं दो-चार दिन की है,
यक़ीं मानो के जन्मों से,
ये मेरा दिल तुम्हारा है.
कभी तो पूछ लो मुझसे,
ज़रा सा मेहरबाँ होकर,
तुम्हारे बिन जो गुजरें हैं,
वो पल कैसे गुज़ारा है.
तुम्हें चाहूँ,तुम्हें सोचूँ,
तुम्हें ही हर तरफ देखूँ ,
जहाँ तक ये नज़र जाये,
जहाँ तक ये नज़ारा है.
यक़ीं तुमको नहीं लेकिन,
तुम्हें ही हमने चाहा है,
मेरी साँसों ने,धड़कन ने,
फ़क़त तुमको पुकारा है.
तुम्हें हक है ,जिसे चाहो,
जिसे तुम मुन्तखब कर लो,
ये मेरा दिल तो सदियों से,
तुम्हारा ही तुम्हारा है ,