शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

मेरे महबूब तू खफा तो है

मेरे महबूब तू खफा तो है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
प्यार हर पल तुझे बुलाएगा,
दिल ये तुझको न भूल पाएगा,
आजमा ले मुझे अगर चाहे,
मेरे दिल में सनम वफा तो है,
मेरे महबूब तू खफा तो है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
जिंदगी में तेरी कमी दिलबर,
तू न समझे ये और बात है पर,
मुझको तुझसे सनम मोहब्बत है,
मैंने सौ बार ये कहा तो है,
मेरे महबूब तू खफा तू है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
सरे-महफिल भी तेरा नाम लूं मैं,
तू जो चाहे तो हाथ थाम लूं मैं,
इस जमाने से छीन लूं तुझको,
मुझ में इतना कुछ हौसला तो है,
मेरे महबूब तू खफा तू है,
प्यार में अब भी कुछ रखा तो है।
बारहां तेरा छत पे आ जाना,
और नजरों का मिल के झुक जाना,
कैसे कह दूं के खत्म है रिश्ता,
अब भी बाकी वो सिलसिला तो है,
मेरे महबूब तू खफा तू है,
प्यार में अभी कुछ रखा तो है।