यकीं
करो के तुम्हारे प्यार में हूं मैं,
नहीं
हो तुम मगर इंतजार में हूं मैं।
मैं
तक रहा हूं तेरी राह आज भी तन्हा,
यूं
कहने को तो बैठा हजार में हूं मैं।
मैं
तुझको खो के अजीयत में जी रहा हूं दोस्त,
तेरे
बगैर तो जैसे के नार में हूं मैं।
मेरे
बगैर तेरी सुबह,तेरी शाम न थी,
तू
सच बता क्या अब भी तेरी पुकार में हूं मैं।
तुम्हारी
मद भरी आंखों से मैंने जो पी थी,
अभी
तलक उसी नशा,उसी खुमार में हूं मैं।