शनिवार, 12 नवंबर 2016

जी का जंजाल

चित्र साभार - amarujala.com
इस हुकूमत में हमारा मुल्क ये बेहाल है,
जेब में पैसा है फिर भी आदमी कँगाल है. 
पैन, के वाई सी ,आधार,महंगाई, मौसम का कहर,
देश की जनता की खातिर हर तरह का जाल है.
हर कोई उलझा हुआ है,हर कोई बेचैन है,
एम पी ,यू पी ,दिल्ली चाहे,चाहे फिर बंगाल है. 
बस क़तारों में गुज़रती है हमारी सुबह-ओ-शाम,
किस जगह का नाम लूँ हर जगह ये हाल है. 
अब बिना आधार के होता नहीं है कोई काम,
हर तरफ आपात  है निर्बलों का  काल है.
क्या कहें उसको बताओ जो किसी की न सुने,
आदमी मानें उसे या मान लें बेताल है.
अच्छे दिन का देखकर सपना बनाया था मगर,
मोदी की सरकार यारों जी का बस  जंजाल है. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें