रविवार, 8 दिसंबर 2013

प्यार की बातें


बिन तुम्हारे बहार की बातें‚
क्यों करें हम बेकार की बातें।
प्यार में तेरा और मेरा क्या‚
रहने दीजे शुमार की बातें।
फूल से हो गया है दिल जख्मी‚
हम को भाती हैं खार की बातें।
लोग कहते हैं इश्क में हूं मैं‚
अच्छी लगती हैं प्यार की बातें।
अब कहीं दिल मेरा नहीं लगता‚
याद आती हैं यार की बातें।

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