मेरी उदास निगाहों में तुम नहीं हो कहीं,
मगर ये दिल है के कहता है तुम यहीं हो कहीं.
नज़र तलाश के आती है दूर तक तुमको,
सहर यकीन दिलाती है तुम यहीं हो कहीं.
हवा में बिखरी ये खुशबू तुम्हारी खुशबू है,
सबा भी चुपके से कहती है तुम यहीं हो कहीं.
पलट के बारहां दरवाजे तक गया हूँ मैं,
खड़कती कुण्डियाँ कहती हैं तुम यहीं हो कहीं.
उदास देख के मुझको हैं चहचहा उठते,
परिंदे कहते हैं मुझसे के तुम यहीं हो कहीं.
ये और बात है,मुझको नज़र नहीं आते,
मगर ये तारे हैं कहते के तुम यहीं हो कहीं.
तुम्हारे दम से है गुलशन की दिलकशी बाकी,
ये हँसते फूल बताते हैं तुम यहीं हो कहीं.
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